सोमवार, 27 अप्रैल 2009

दैनिक हरिभूमि समाचार पत्र में प्रवक्ता तथा हितचिंतक का जिक्र




6 जनवरी 2009 के दैनिक हरिभूमि समाचार पत्र में प्रवक्ता तथा हितचिंतक का जिक्र

रविवार, 26 अप्रैल 2009

Netas, voters connect online

By: Surender Sharma Date: 2009-04-13

Delhi:
With about five crore Net-savvy voters, the poll is being monitored on the web

With about five crore Net-savvy voters and equally enthusiastic netas, it seems the upcoming General Elections have shifted to the web.

Politicians are using blogs to reach out to voters, the electorate is tracking candidates and their speeches on poll-special websites and social networking sites and discussion forums are hotly debating the government in the offing. Never has Indian politics dominated the virtual world on such a large scale.

From veteran leaders like LK Advani, the Bharatiya Janata Party's prime ministerial candidate, to Vijender Gupta, a first-time BJP candidate from Chandni Chowk, every leader is expressing himself through blogs and websites.

"The Internet is playing a much bigger role in this election than it did in 2004. Leaders are blogging to appease their voters online. Also, a number of educative websites and discussion forums have come up to offer voters a clear choice," said Sanjeev Sinha of pravkta.com, who has launched the poll-special site for coverage of the General Elections.

All prominent media houses too have launched dedicated sites for coverage of the elections. Speeches, rallies, discussions on poll manifestos and threadbare details about candidates are available online so that users can be unbiased in their choice. Websites are also encouraging voters to vote and providing them information about the polling process.

"With around five crore netizens in India, it makes sense to campaign online. It is also cost effective," said BJP spokesperson Sidarth Nath Singh.

While the Internet has made the neta more accessible to the voter and the polling process more transparent, social networking sites like orkut are offering a wide forum to youngsters to freely debate about candidates and parties. "The Internet has emerged as the biggest election tool in modern times. No political party can ignore it any more," said Congress spokesperson Satyavrat Chaturvedi.

And the young urban voter couldn't have been happier. "It is not possible for us to attend rallies and listen to netas. Neither is it possible for every one to check a leader's credentials. The Internet does all this for us," said Geetika Chopra, who works with a private firm in Noida, and regularly checks poll sites.

Source: MID-DAY

रविवार, 5 अप्रैल 2009

हरिभूमि में प्रवक्‍ता का जिक्र

3 अप्रैल, 2009, हरिभूमि

लोकसभा चुनाव नहीं लड सकेंगे संजय दत्‍त

1 अप्रैल, 2009, हरिभूमि

शनिवार, 4 अप्रैल 2009

उम्मीदवारों को अस्वीकार करना सिखा रहा है ब्लॉग

निर्वाचन आयोग बकायदा प्रत्येक बूथ पर ऐसी व्यवस्था करता है कि लोग मतदान पत्र पर अंकित उम्मीदवारों को अस्वीकृत कर सकते हैं। पिछले कई चुनावों से ऐसी व्यवस्था है लेकिन इसका विशेष प्रचार-प्रसार नहीं हो सका है, लेकिन अब इसका जिम्मा ब्लॉग ने उठा लिया है। 'अनुराग हर्ष' नामक ब्लॉग पर इस संबंध में एक पोस्ट है, जिसमें बताया गया है कि आप कैसे उम्मीदवार को अस्वीकार कर सकते हैं।

पोस्ट में लिखा है कि जब आप मतदान करने जाते हैं और आप कहते हैं कि इनमें से मुझे किसी को वोट नहीं देना है, ऐसा करने पर मतदान केंद्र पर तैनात अधिकारी वहां रखे एक रजिस्टर पर आपका नाम अंकित कर लेगा। मतगणना के दौरान यह स्पष्ट हो जाएगा कि आपके क्षेत्र में कितने लोगों ने मतदान करने से इनकार कर दिया, यानि उम्मीदवार उन्हें पसंद नहीं थे। निर्वाचन आयोग के नियम 49 (ओ) के तहत ऐसी व्यवस्था है।

ऐसी पोस्ट के अलावा ब्लॉग की दुनिया में विभिन्न राजनीतिक दलों की स्थिति के बारे में भी चर्चा की जा रही है। 'विस्फोट डॉट कॉम' में पश्चिम बंगाल की सियासी माहौल पर 'बंगाल में अग्निपरीक्षा है वामपंथियों की' नामक रिपोर्ट प्रकाशित की गई है। रिपोर्ट में राज्य में विभिन्न राजनीतिक दलों की स्थिति पर विशेष चर्चा की गई है।

'चाय बैठकी' नामक ब्लॉग में कांग्रेस के घोषणा पत्र पर पोस्ट की गई है। दूसरी ओर 'प्रवक्ता डॉट कॉम' पर झारखंड के चुनावी गणित पर चर्चा की गई है। इन दिनों इस प्रकार के कई ब्लॉग सक्रिय रूप से चुनावी मुद्दों पर अपनी राय ऑनलाइन पाठकों तक पहुंचाने का काम कर रहे हैं।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
दैनिक जागरण

शुक्रवार, 27 फ़रवरी 2009

सिंगूर-नंदीग्राम की चक्‍की में पं बंगाल

साभार- दिव्‍य भारत, 25 फरवरी, 2009
संदर्भ- बिजनेस स्‍टैंडर्ड

यूपीए सरकार की असफलताएं


साभार- आज समाज, 20 फरवरी, 2009